Monday, June 30, 2014

नया मंडी हाउस स्टेशन, नई सुविधाएं


मंडी हाउस स्टेशन के वाॅयलेट लाइन से जुड़ जाने के बाद वहां यात्रियों की संख्या खासी बढ़ गई है। आंकड़ेबाज बता रहे हैं कि राजीव चैक स्टेशन का 40 प्रतिशत भार मंडी हाउस की ओर सरक गया है। स्टेशन का नया हिस्सा सुंदर है और उसका कूलिंग सिस्टम पुराने हिस्से से ज्यादा बेहतर काम कर रहा है। नई चीज ये देखने को मिली कि डीएमआरसी ने दो बड़े-बड़े बोड्र्स पर आपके ज्ञान चक्षुओं को खोलने वाला मंडी हाउस इलाके का इतिहास उकेरा है। उस बोर्ड को पढ़कर ही पता चला कि जिस दूरदर्शन भवन में बैठकर अपन रोजी-रोटी कमा रहे हैं वो कभी मंडी के महाराजा की जागीर थी। इसी स्थान पर उनका भवन था जिसको मंडी हाउस कहा जाता था। 1970 में उनकी ये इमारत गिरा दी गई और दूरदर्शन भवन के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ।

इन दो डिस्प्ले बोर्ड्स पर आसपास की अन्य इमारतों जैसे फिक्की हाउस, एनएसडी, श्री राम सेंटर, टैगोर भवन आदि का इतिहास-भूगोल भी लिखा हुआ है। जिंदगी की रेस में शामिल मेट्रो यात्री इन बोड्र्स के पास से गुजरते वक्त अनायास ही रुक जाते हैं और कुछ पल ठहककर अपना ज्ञान वर्धन करते हैं।

इस स्टेशन से मेरे लिए दूसरा आराम ये हो गया है कि अब मुझे आॅफिस तक पहुंचने के लिए हिमाचल भवन वाली सड़क पार नहीं करनी पड़ती, पहले अपनी जिंदगी के दो मिनट मुझे दाएं-बाएं देखने में गंवाने पड़ते थे। अब स्टेशन के अंदर ही अंदर दूसरी तरफ बनी नई एग्जिट से बेड़ा पार उतर जाता है।

नए स्टेशन से तीसरा और सबसे अहम फायदा ये हुआ कि अब मुझे भारी जनसमर्थन मिल गया है। पहले वैशाली से आते वक्त मंडी हाउस स्टेश्न पर उतरने वाला अपने डिब्बे में मैं अकेला या दुकेला यात्री होता था। इसलिए खचाखच भरी मेट्रो में दरवाजे तक पहुंचने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। किसी का पांव कुचलकर या किसी के पेट में कोहनी घुसाकर दरवाजा हाथ आता था। लेकिन अब बदरपुर की ओर जाने वाली बड़ी संख्या मेरे साथ मंडी हाउस उतरती है। ये लोग मेट्रो के दरवाजे पर भीम की तरह खड़े यात्रियों को पीछे ठेलने में काफी सहायक सिद्ध हो रहे हैं। तकरीबन बिना प्रयास के ही आप दरवाजे से बाहर खड़े नजर आते हैं।

तो नया मंडी हाउस स्टेशन मेरे लिए निजी तौर पर ये तीन सुविधाएं लेकर आया है। अब जब तक इधर नौकरी चलेगी सुविधाओं का आनंद लेते रहेंगे। इस बीच कोई नया जुगाड़ हो गया तो झोला उठाकर नई दिशा पकड़ लेंगे।

2 comments:

  1. HAR KOI APNE FAYDE K LIYE SOCHTA HAI MAI BHI TO KAHU KI APNE ES STATION KI ETNI BADAHYI KU KI.. AB PTA CHLA...

    LAST KI LINE ACHCHE LAGI. ACHCHA JAN SAMRTHAN MILA.. HA HA HA

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