Sunday, May 9, 2010

सभी आतंकवादी सरकार के दामाद हैं!

भारत सरकार के खाते में एक और दामाद चढ़ गया है. अजमल कसब को फांसी की सजा हो जाने के बाद सरकार को एक और दामाद की खातिर करने का मौका मिल गया है. कुछ लोगों ने फांसी की सजा सुनाये जाने पर बड़ा उत्सव मनाया साहब. बेचारे कितने नादान हैं, अपने देश का सिस्टम तक नहीं समझते. इस खूबसूरत सिस्टम ऊपर से लेकर नीचे तक सब ढीले हैं, लालची हैं, सत्ता लोलुप हैं, निहित स्वार्थों से घिरे हैं और डरपोक हैं.  ऐसे में भला किसी को क्या फांसी हो सकती हैं. वो भी आतंकवादी को- ना बाबा ना. 

अफज़ल गुरु ने हमारे वक्षस्थल संसद पर वार किया, उसको फांसी की सजा हुई लेकिन हमने उसको सहेज के रखा है. आखिर आतंकवादियों को कुछ काम तो देना ही पड़ेगा ना. अगर हम ऐसे लोगों को पाल कर नहीं रखेंगे तो फिर आतंकवादियों को हमारे हवाई जहाज हाई-जैक करने का मौका कैसे मिलेगा. देखो हमारे पास कित्ते सारे हवाई जहाज हैं, उनमें कित्ती सारी जनता उड़ान भरती हैं. पूरे एक अरब हैं इस बहाने कुछ तो कम हो जायेंगे. आखिर जनसँख्या नियंत्रण भी तो सरकार का ही काम है. अब लोगों ने तो परिवार नियोजन ठीक से अपनाया नहीं, सो आतंकवादियों के बहाने ही कुछ जनसँख्या नियंत्रण कर लिया जाये. सो भैया हमने इतने सारे आतंकवादी इसीलिए जेलों में पाल रखे हैं. उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है, एक दम दामाद के माफिक. चाहे तो आके देख लो हमारी जेलों में. आम आदमी सुरक्षित हो ना हो, लेकिन हमारे पास जो  आतंकवादी हैं उनको हमने एकदम उम्दा सिक्यूरिटी प्रदान कर रखी है.  हेल्थ भी अच्छी मेन्टेन कर रखी है ऊपर वाले की दुआ से.

बेचारों की गलती भी क्या है, हमारे कुछ लोग ही तो मारे हैं और कुछ सुरक्षा कर्मी शहीद हुए हैं. तो क्या! हमारे पास एक अरब हैं यार. मारो जितने मारने हैं. हमारे पास गज़ब का जनसँख्या वृद्धि दर है. कितने भी मार लो हमारा देश खाली नहीं होने वाला. बल्कि आतंकी घटनाएँ तो हमारे जनसँख्या भार को कम करने का काम कर रही हैं. बल्कि अब हमारी सरकार कोशिश करेगी कि हर एक आतंकी को देश के "पॉपुलेशन कण्ट्रोल प्रोग्राम" का ब्रांड अम्बेसडर बनाया जाये. नाहक ही पूरा देश आतंकियों के पीछे पड़ा रहता है. देखो ना कितने क्यूट चेहरे हैं सबके. एक दम भोले भाले. हमारी सरकार का हर एक आतंकी के साथ वादा है हम किसी को फांसी नहीं देंगे. हर एक को पूरी इज्ज़त बख्शेंगे. जरुरी हुआ तो उनके लिए कोई वेल फेयर प्रोग्राम भी लॉन्च करेंगे.

बाकी किसी भी आतंकी को कोर्ट के मुकदमों से डरने की जरुरत नहीं है. अब इतने बड़े देश को बेवक़ूफ़ बनाने और कुर्सी पर बने रहने के लिए थोडा बहुत दिखावा तो करना ही पड़ता है ना. कोर्ट को अपना काम करने दें, बाकी फांसी की असली चाभी तो हम सत्ताधीशों के ही पास है. इसलिए किसी भी आतंकी को भारत में डरने की जरुरत नहीं है, सरकार सदैव उनके साथ है.

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